Una News:अधिकतर स्कूलों में नर्सरी की कक्षाएं शुरू, पढ़ाने के लिए अध्यापक नहीं – Nursery Classes Started In Most Schools, No Teachers To Teach
संवाद न्यूज एजेंसी
ऊना। जिले के राजकीय प्राथमिक स्कूलों में नर्सरी की कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं, लेकिन स्कूलों में इन कक्षाओं को पढ़ाने के लिए अलग से अध्यापकों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। कई स्कूल तो ऐसे हैं, जहां बच्चों की संख्या पहले ही अधिक है और अब नर्सरी से कक्षाएं भी शुरू हो गई हैं। अध्यापकों की संख्या दो से तीन ही है। इससे अध्यापकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है और यह भी तय नहीं है कि नई नियुक्तियां कब तक संभव हो पाएंगी।
जिले के प्राथमिक स्कूलों में करीब 150 पद खाली हैं। पंडोगा, बढ़ेडा राजपूतां, मवा सिंधिया, ढक्की, बौल सहित जिले में कई ऐसे स्कूल हैं जहां बच्चों की संख्या काफी अधिक है। इन स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई समेत अन्य गतिविधियों को लेकर शानदार व्यवस्था है। जब बात अध्यापकों की आती है तो विभाग के हाथ खड़े नजर आते हैं।
बीते समय के दौरान व्यवस्थाओं में लगातार हो रहे सुधार के कारण कई निजी स्कूलों से संबंधित बच्चों ने भी सरकारी का रुख किया, लेकिन अब अध्यापकों की कमी के कारण अभिभावकों का रुझान दोबारा निजी स्कूलों की ओर बढ़ने लगा है। यही आलम रहा तो अगले शैक्षणिक सत्र में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या गिरना तय है।
जिला प्राथमिक शिक्षा संघ के अध्यक्ष राकेश शर्मा ने बताया कि बेशक विभाग की ओर से नए अध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई है। लेकिन यह बेहद धीमी है और नियुक्त अध्यापकों में अधिकतर स्कूलों में ज्वाइन करने नहीं पहुंच रहे। कारण यह है कि वे किसी अन्य जिला से हैं और उन्हें अपने घर से आसपास नियुक्ति मिल जाती है। कहा कि नियुक्तियां राज्य स्तर पर होनी चाहिए, जिसमें नए अध्यापकों की राय भी ली जाए।
कोट्स
स्कूलों में नए अध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया जारी है। अभी 26 स्कूलों के खाली पद भरे जा रहे हैं। उसके बाद विभाग ने निर्देशानुसार आगामी प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
देवेंद्र चंदेल, उपनिदेशक, जिला प्रारंभिक शिक्षा विभाग।
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