Chandigarh:चंडीगढ़ में लगेंगे स्ट्रीट फर्नीचर, पैदल यात्रियों को राहत, बदले जाएंगे साइन से लेकर फुटपाथ टाइल – Street Furniture Installed For First Time In Chandigarh, Street Lights To Pavement Tiles Will Also Change

चंडीगढ़ के लिए प्रस्तावित डिजाइन।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
चंडीगढ़ समेत ट्राइसिटी में ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए रेल इंडिया तकनीकी और आर्थिक सेवा (राइट्स) की तरफ से बनाए गए कंप्रहेंसिव मोबिलिटी प्लान (सीएमपी) में नॉन मोटराइज्ड ट्रांसपोर्ट (एनएमटी ) पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया है। सुझावों को मंजूरी मिलने के बाद शहर में वर्ष 2027 तक करीब 249 करोड़ रुपये का काम होगा। पहली बार चंडीगढ़ में स्ट्रीट फर्नीचर लगेंगे। इसके अलावा स्ट्रीट लाइट से लेकर फुटपाथ टाइल और साइन भी बदल जाएंगे।
एनएमटी पर राइट्स ने कहा है कि ट्राइसिटी को जाम से बचाने के लिए मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (एमआरटीएस) की जरूरत तो है ही, लेकिन शहर में एनएमटी को बढ़ावा देने की जरूरत है। लोगों को साइकिल चलाने और पैदल चलने के लिए जागरूक करने की जरूरत है। कहा गया है कि लोग साइकिल और पैदल चलना तब पसंद करेंगे जब उन्हें बेहतर व्यवस्था और सुविधा और माहौल मिलेगा। इसके लिए राइट्स ने एनएमटी और पैदल यात्री बुनियादी ढांचे को सुधारने के लिए एक व्यापक योजना बनाई है, जिसे भी गुरुवार को प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित की अध्यक्षता में हुई पंजाब-हरियाणा के साथ बैठक में मंजूरी दे दी गई। प्रस्ताव के अनुसार ये पूरा काम फेज-1 यानी 2027 तक पूरा करना है और इसमें चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली में कुल मिलाकर करीब 249 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सिर्फ चंडीगढ़ में इस काम पर 133.2 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
एनएमटी और पैदल यात्री बुनियादी ढांचे को सुधारने की योजना
1. पैदल चलने वाले रास्ते को गाड़ियों के ट्रैफिक से अलग किया जाए। इसके लिए ट्रैफिक सर्कुलेशन को ज्यामितीय रूप से डिजाइन किया गया है।
2. फुटपाथ सुविधाओं का विकास करने की जरूरत है। फर्नीचर स्थापित किए जाने चाहिए ताकि बुजुर्ग व बच्चे अगर थक जाएं तो उनके बैठक के लिए पर्याप्त कुर्सी आदि हो।
3. साइकिल ट्रैक सुविधाओं का विकास भी जरूरी है। निर्बाध आवाजाही के लिए रंग, चिह्नों और सामग्री का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
4. पब्लिक बाइक शेयरिंग प्रोजेक्ट को मजबूत करने की जरूरत है।
5. पैदल यात्री क्रॉसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे टेबल टॉप आदि बनाए जाए। न्यूनतम 1.2 मीटर से 2 मीटर साइकिल ट्रैक, टेबल-टॉप क्रॉसिंग के साथ न्यूनतम 1.8 मीटर चौड़ा फुटपाथ होना चाहिए।
6. रिपोर्ट में पैदल चलने वालों और एनएमटी के लिए दो स्थानों पर सब-वे/अंडरपास प्रस्तावित किए गए हैं।
एनएमटी को बढ़ावा देने के लिए बन रहा पहला ग्रीन कॉरिडोर
साइकिल का इस्तेमाल घर आने-जाने, दफ्तर पहुंचने और मार्केट आने-जाने को बढ़ावा देने के लिए यूटी प्रशासन ने 11 ग्रीन कॉरिडोर बनाने का फैसला लिया था। इसमें से दो (कॉरिडोर नंबर-1 और 5) पर 17 किमी का ट्रैक बनाने का वर्तमान में काम भी चल रहा है। इनमें से एक पटियाला की राव के साथ लगभग नौ किलोमीटर का है। वहीं दूसरा कॉरिडोर एन-चो के साथ है। इन कॉरिडोर को सीमेंटिड रखा जाएगा और इनकी चौड़ाई लगभग तीन मीटर होगी। प्लान के तहत ग्रीन कॉरिडोर में स्मार्ट पोल्स लगाए जाएंगे। इससे रूट सुरक्षित, सुविधाजनक और मनोरंजन से भरपूर रहेगा। सुखना लेक की तर्ज पर ग्रीन कॉरिडोर में स्पीकर लगाए जाएंगे, जिसमें सुकून देने वाला म्यूजिक चलेगा।
एनएमटी फैसिलिटी इंप्रूवमेंट प्लान में आने वाला खर्च
प्रस्ताव चंडीगढ़ (करोड़) पंचकूला (करोड़) मोहाली (करोड़) कुल (करोड़ रुपये)
फुटपाथ (1.5 एम – 3 एम चौड़ा) 79.2 14.4 39.6 133.2
साइकिल ट्रैक (1.5 एम – 3 एम चौड़ा) 18 21.6 72 111.6
पैदल यात्री ग्रेड अलग सुविधा 4 0 0 4
(ये काम फेज-1 यानि वर्ष 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है)
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